गाय का महत्व

मुख्य पृष्ठ / गाय का महत्व

आज भगवान् श्री कृष्ण का पावन पवित्र त्योहार जन्माष्टमी है | सोलह कलां सम्पूर्ण भगवान श्री कृष्ण अपनी नित्य नई लीलाओं के लिए माने जाते है , बचपन से ही गौ सेवा मे लिप्पत भगवान श्री कृष्ण गौ माता को अपनी आराध्य देवी मानते थे और गौ चराने नंगे पाँव ही जाते थे | श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं में गौ सेवा का दर्शन होता है | हमारे वेद- ग्रन्थ गौ- महिमा करते थकते नहीं है | लेकिन आज हमारे समाज ने स्वार्थ भाव की ऐसी करवट ली की जिसमें हमे अपने स्वार्थ के आगे कुछ भी नहीं दिखता है | ” आज स्वार्थ के अतिरिक्त मानव को कुछ न सूझता है, शायद इसीलिए ही जीवन यापन के लिए इतना जूझता है…….!” आज कितने ही जप-तप, व्रत, अनुष्ठान किये जात्ते है परंतु फिर भी चारों और दुःख ही दुःख है , ऐसा लगता है जैसे हमारे द्वारा किया गया कोई भी जप- तप इत्यादि फलीभूत न हो पा रहा हो | आखिर ऐसा क्यूँ ? क्यों हमारे अनुरूप सब कुछ नहीं हो पा रहा है ? इस का मूल मात्र कारण ही गौ माता की समाज द्वारा की जाने वाली अवहेलना है | धर्म की धुरी गौ माता आज हमारी वजह से ही सड़कों पर भटकने को मजबूर है| आज गौ माता भूख के मारे गंदगी खाने को मजबूर है| भगवान श्री कृष्ण द्वारा सदैव पूज्य गौ माता का हमारे समाज द्वारा जो तिरस्कार हो रहा है , ये जघन्य अपराध कतई मुआफी के काबिल नहीं है | गौ माता की आँख से बहने वाला एक एक आंसू का हम सब पर क़र्ज़ है , जिसे हमे ही चुकाना पड़ेगा | गौ माता की सेवा हम सब को मिल कर करनी चाहिए , गौ सेवा मात्र एक का कार्य नहीं है अपितु अनेक जब इस मुद्दे पर एक हो जाये तो अवश्य ही गौ माता को लाभ होगा | गौ सेवा से जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान संभव है | ” गौ-महिमा है अपरंपार , गौ-सेवक की सुधि लेते है स्वयं श्री कृष्ण-मुरार…..!

” ऐसे कर सकते है आप भी गौ सेवा :- 1 . सब से पहले गौ ग्रास निकले , गौ ग्रास का शास्त्रों में बहुत महत्त्व है | मनुष्य तीन ऋणों से सदा घिरा रहता है – देव ऋण , पितृ ऋण व ऋषि ऋण – इन ऋणों से मुक्त होने का इक मात्र उपाए गौ सेवा ही है | श्री नारायण वेलफेयर सोसाइटी द्वारा गौ ग्रास एकत्रित वाली रेहड़ियों का प्रबंध किया गया है | गौ ग्रास देते समय इस मंतर का उचारण करे- ” सुरभि माता सुरभि पिता सुरभि पितृ तारिणी , गौ ग्रास मय दत्त सुरभि प्रति ग्रेह्येताम ” याद रखिये पितृ खुश तो पुत्र खुश – पितरों को खुश रखने का सरल व् सुगम उपाए मात्र गौ सेवा है | 2 . देसी गौ उत्पादों की से भी आप गौ सेवा के भागीदार बन सकते है | देसी गौ माता का ढूध उत्तम दूध है | गौ माता में ही सूर्य केतु नाड़ी होती है | 3 . काफ- लेदर का उपयोग न करे | 4 . सप्ताह में एक बार परिवार समेत गौशाला में गौ दर्शन को जाना चाहिए | 5 . घर में गौ पालन संभव न हो तो बेसहारा गौ पकड़ कर दे व गौशाला में अपने पैसे से गौ माता के लालन – पालण की वयवस्था करे | 6 . गौ माता को अपने जीवन का अभिन अंग मान कर गौ माता को अपने प्रत्येक सुख-दुःख मे शामिल करे | मरणोपरांत गौ माता ही वैतरणी पर करवा सकती है | 7 अपने व अपनों का जन्मदिन गौ माता के लिए सवामणी करवा कर मनाये , सवामणी आज कल श्री नारायण वेलफेयर सोसाइटी के वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे भी बुक करवाई जा सकती है | 8 . घर मे गौ माता का चित्र जरूर लगाए , बच्चों को अपनी पॉकेटमनी से गौ ग्रास के रूप मे 1 रुपया निकलने के लिए अवश्य प्रेरित करे, हो सके तो घर मे गौ-गौलक रखे या सोसाइटी से संपर्क कर के रखवाये | 9 . गौ – हत्या मुक्त व गौ- सेवा युक्त भारत निर्माण मे अपना यथा उचित समय व सहयोग दे | 10 . श्री नारायण वेलफेयर सोसाइटी द्वारा गौ-हित में चलायेजा रहे प्रकल्पो से आप जुड़ कर रचनात्मक तरीके से गौ सेवा की जा सकती है | याद रखिये गौ-खुश तो गोपाल खुश | गौ माता की सेवा से जुड़ना व औरों को जोड़ना ही सच्ची कृष्ण भक्ति है | गौ माता का जय घोष केवल मात्र मंदिरों तक ही न सिमित रहने दे| रचनात्मक तरीके से वास्तविकता से गौ माता की सेवा मे जुड़ जाये | इस से भगवान श्री कृष्ण अत्यंत प्रसंन होंगे | गोपाल-पूजा गौ- सेवा के बिना अधूरी है |

Scroll to Top